Main Article Content

Ayesha Siddiqa
https://orcid.org/0000-0002-4858-9948

Abstract

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डॉ॰ केशव बलिराम हेडगेवार के हृदय में आरंभ काल से ही देश के प्रति स्वाभिमान और देशभक्ति की भावना जाज्ज्वल्यमान रही है। उन्होंने भारत को पराधीनता से मुक्ति दिलाने के लिए विभिन्न तत्कालीन आन्दोलनों में भाग लिया और जेल यात्रा भी की। इन आन्दोलनों में भाग लेकर उन्हें यह अनुभव हुआ कि इसप्रकार स्वाधीनता नहीं प्राप्त की जा सकती। मुक्त एवं समृद्धशाली राष्ट्र के निर्माण के लिए हिन्दू समाज को संगठित होना होगा। अपने इसी विचार के परिणामस्वरूप उन्होंने ”राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ“ की स्थापना की। प्रस्तुत शोध-पत्र के माध्यम से महान देशभक्त हेडगेवार जी के स्वतंत्रता सम्बन्धी विभिन्न प्रयासों को प्रकाश में लाने का प्रयास किया गया है।

Article Details

CITATION
DOI: 10.54903/haridra.v2i07.7763
Published: 2021-12-27

How to Cite
Siddiqa, A. (2021). Keshav Shatakam - Ek Sameekshatmak Addhyyan. Haridra Journal, 2(7), 3–7. https://doi.org/10.54903/haridra.v2i07.7763

References

  1. ‐ केशवशतकम्- डॉ॰ मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, प्रकाशक: आशाकुमार त्रिवेदी, अध्यक्ष श्री त्रिवेदी जगन्नाथ छात्रालय ट्रस्ट व मालवीय भारती मन्दिर, इन्दौर (म॰प्र॰),1999
  2. ‐ वही पृ0 8, श्लो॰ सं॰ 15,
  3. ‐ वही पृ0 10 श्लो॰ सं॰ 24
  4. ‐ वही पृ0 20 श्लो॰ सं॰ 58
  5. ‐ वही पृ0 28 श्लो॰ सं॰ 89
  6. ‐ माधवीयम्- डॉ॰ मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, प्रकाशक: संस्कृति प्रसार मंच, इन्दौर (म॰प्र॰),2000 पृ0 24 श्लो॰ सं॰ 70
  7. ‐ वही पृ0 27 श्लो॰ सं॰ 81
  8. ‐ केशवशतकम्- पृ0 25 श्लो॰ सं॰ 78
  9. ‐ वही पृ0 25 श्लो॰ सं॰ 79
  10. ‐ वही पृ0 26 श्लो॰ सं॰ 80
  11. ‐ वही पृ0 26 श्लो॰ सं॰ 81
  12. ‐ वही पृ0 28 श्लो॰ सं॰ 92
  13. ‐ वही पृ0 29 श्लो॰ सं॰ 93