Srimat Devi Bhagwat Main Nirupit Ras - Vimarsh
Main Article Content
Abstract
पुराण भारतीय ज्ञान परम्परा के वे आकर हैं जिसमें भारतीय इतिहास के साथ ही साथ भारतीय संस्कृति, धर्म, उपासनादि का विज्ञान, व प्राचीन मान्यताएं सरस कथाओं के माध्यम से पाठक के हृदयस्थ हो जाती हैं। पुराणों में लौकिक एवं पारलौकिक आनन्द के साधनभूत उपायों के रूप में विभिन्न वि़़़द्याओं तथा शास्त्रों से सम्बन्धित विषयों का वर्णन भी प्रभूत रूप में प्राप्त होता है।
श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण भगवती पराम्बा जगज्जननी आदिशक्ति की महिमा व उनकी लीलाओं का वर्णन करता है ं जिसमें विभिन्न कथाओं , आख्यानों व उपाख्यानों के माध्यम से भगवती के चरित वर्णन के साथ साथ लोकव्यवहार का भी वर्णन प्राप्त होता है जिसका परम उद्देश्य परमतŸव या मोक्ष की प्राप्ति है । लोक में काव्यानुशीलनानन्तर भी ऐसा ही भाव पाठक अनुभव करता है जो काव्य में विद्यमान रस तŸव के आस्वादन से ही उत्पन्न होता है । यह रस परमानन्द सहोदर कहा गया है।