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Jaysinh Gohil

Abstract

अग्निपुराण में राजधर्म तथा उसके अंगो के वर्णन के प्रसंग में धनुर्विद्या का अध्याय 249 मे प्रारम्भ होकर 252 अध्याय पर्यन्त वर्णन प्राप्त होता है।
धनुर्वेद यजुर्वेद का उपवेद है। प्राचीनकाल में पूरे भारत में इस ज्ञान परम्परा का बड़े ही आदर के साथ प्रचार-प्रसार हुआ था। प्राचीन भारत में धनुर्वेद पर बहुत सारे ग्रन्थ उपलब्ध थे, किन्तु कालान्तर में धनुर्वेद के प्रायः सभी ग्रन्थ लुप्तप्राय से हो गए। कतिपय ग्रन्थों में उनका विवरण प्राप्त होता है।


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In Agnipuran, in the context of the description of Rajdharma and its parts, the description of archery is found starting from chapter 249 till chapter 252.Dhanurveda is a sub-veda of Yajurveda. In ancient times, this knowledge tradition was propagated with great respect all over India. Many books on Dhanurveda were available in ancient India, but in course of time almost all the books of Dhanurveda became endangered. Their description is found in some texts

Article Details

CITATION
DOI: 10.54903/haridra.v3i10.11388
Published: 2022-10-04

How to Cite
Jaysinh Gohil. (2022). अग्निपुराणानुसार धनुर्वेद (धनुर्विद्या) की मीमांसा / Analysis of Dhanurveda (Archery) according to Agnipurana. Haridra Journal, 3(10), 3–12. https://doi.org/10.54903/haridra.v3i10.11388
Author Biography

Jaysinh Gohil, Baroda Sanskrit Mahavidyalaya

Research Scholar

Baroda Sanskrit Mahavidyalaya , MSU Baroda , Vadodara  Gujrat , India


References

  1. अग्निपुराण - 248/1
  2. यन्त्रमुक्तं पाणिमुक्तं मुक्तसन्धानारितं तथा।
  3. अमुक्तं बाहुयुद्धच्च पच्चधा तत प्रकीर्तितम्।। अग्नि-2/248
  4. महाभारत, आदि-220/72
  5. महाभारत के नीलकंठ टीका-आदि. 220/72
  6. नीतिप्रकाशिकायां -2/11
  7. महाभारत आदि.- 126/29
  8. अग्निपुराण-249/1
  9. शुक्रनीति सार-127-135 से 142
  10. शुक्रनीति सार-127-135 से 142
  11. शुक्रनीति सार-127-135 से 142
  12. शुक्रनीति सार-127-135 से 142
  13. अग्निपुराण-249/2
  14. अग्निपुराण-243/3
  15. अग्निपुराण-243/4
  16. अग्निपुराण-243/5
  17. अग्निपुराण-243/6
  18. धनुः श्रेष्ठानि प्रास मध्यानि तानि च।
  19. तनि खडगजघन्यानि बाहुप्रत्यचराणि च।। अग्नि.-246/6,7
  20. अग्नि. -249/7
  21. वा. धनु. 1/3
  22. देशस्थैः शंकरै राज्ञः कार्या युद्धे सहायता। अग्नि-249/8
  23. स्थानान्यष्टौ विधेयामि योजने भिन्नकर्म्मणाम्। - वा. धनु.1/76
  24. अग्निपुराण-249/23
  25. अग्निपुराण-249 /24
  26. अग्निपुराण-249/25-27
  27. वा. धनु. 1/50-51
  28. अग्निपुराण-249/36-37
  29. वा. धनु. 1/31-32
  30. अग्निपुराण-250/1 से 4
  31. वा.धनु.1/90
  32. अग्निपुराण-250/4-6
  33. अग्निपुराण-250/8
  34. अग्निपुराण-250/9-10
  35. अग्निपुराण-250/11-12
  36. शिव. धनु. 1/16-17
  37. अग्निपुराण-250/13-14
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  39. अग्निपुराण-250/17-18
  40. वा.धनु. 1/87
  41. वा.धनु. 1/80
  42. अग्निपुराण-251/4
  43. अग्निपुराण-251/5
  44. अग्निपुराण-25ु/5
  45. अग्निपुराण-251/8
  46. अग्निपुराण-251/11-12
  47. अग्निपुराण-251/13
  48. शिवप्रोक्त धनुर्वेर्दे - 1/5
  49. सन्दर्भ-ग्रन्थ
  50. अग्निपुराण, (मूल संस्कृत का हिन्दी अनुवाद) गीताप्रेस, गोरखपुर, 14वां संस्करण, सं.2071
  51. अग्निपुराण, (हिन्दी व्याख्या ) आचार्य शिवप्रसाद द्विवेदी, चौखम्भा संस्कृत प्रतिष्ठान, प्रथम संस्करण, 2004 ई.
  52. धनुर्वेद संहिता-महर्षि वशिष्ठ विरचित- अनुवादक, द्वारका प्रसाद शास्त्री, चौखम्भा प्रकाशन, वाराणसी, द्वितीय संस्करण सं.-2064
  53. नीति प्रकाशिका - Edited by, Gustav Oppert, kumar borthers, New Delhi, 1970
  54. Dhanurveda, The Vedic military, science, by, Ravi Prakash Arya, Dilip and Dipika Doctor of International Vedic Vision, New York
  55. महर्षि शुक्राचार्य विरचित, शुक्रनीति , व्याख्याकार- डॉ. जगदीश चन्द्र मिश्र, चौखम्भ प्रकाशन, वाराणसी, पुनर्मुदित संस्करण-2009