Dwatadwat Darshan Main Buddhi Tatva Ki Sameeksha
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Abstract
द्वैताद्वैत दर्शने के सन्दर्भ में बुद्धितत्व समीक्षा की आवश्यकता इसलिए करना आवश्यक समझा। क्योंकि बुद्धि तत्व के विषय में पाश्चात्य दार्शनिकों के सिद्धान्तों में अधिकाधिक रूप से देखने को मिलता है कि बुद्धि के लक्षण, प्रकार, सिद्धान्त, कारकादि की चर्चा की गयी है। भारतीयदार्शनिकों ने भी न्यायदर्शन, वैशेषिकदर्शन, योगदर्शन, मीमांसादि दर्शनों में बुद्धितत्व के सिद्धान्त, लक्षणादि की व्याख्या की है। अतः द्वैताद्वैतवेदान्त में बुद्धितत्व के बारे में क्या कहा गया है यह शोधपत्र के माध्यम से देखा जा रहा है।